भक्ति मर्यादा (Bhakti Maryada)

bhakti maryada

”जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।हिन्दु मुसलिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा ।।“ प्रिय भक्तजनों ! आज से लगभग पाँच हजार वर्ष पहले कोई भी धर्म या अन्य सम्प्रदाय नहीं था। न हिन्दु, न मुसलिम, न सिक्ख और न ईसाई थे। केवल मानव धर्म था। सभी का…

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Oxygen level down होते हीं परमात्मा ने किया चमत्कार।।

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क्या आप जीवन में सच्ची शांति और सुख की खोज में हैं? दीक्षा कुशवाह जी की प्रेरणादायक कहानी सुनें, जिन्होंने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर न केवल आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया, बल्कि अपने परिवार की कठिनाइयों को भी दूर किया। सच्चे गुरु की पहचान और भक्ति की…

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सत्यपुरूष का वर्तमान अवतार !

सत्यपुरूष का वर्तमान अवतार !

सत्यपुरूष का वर्तमान अवतार “जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज” जी हैं जो सत्य साधना तथा तत्वज्ञान का प्रचार परमेश्वर के पूर्वोक्त परमेश्वर के अवतार सन्त किया करते थे। जिससे आपसी प्रेम था, एक दूसरे के दुःख में दुःखी होते थे, असहाय व्यक्ति की मदद करते थे, वही शास्त्रविधि अनुसार साधना तथा वही आध्यात्मिक यथार्थ ज्ञान संत रामपाल दास जी महाराज को परमेश्वर कबीर साहेब जी…

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ऐसे मौत को लताड़ा संत जी ने। (maut ko ldata sant ji ne)

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इस ब्लॉग पोस्ट में संत रामपाल जी के शिष्य रिषीपाल जी की आत्मकथा है जिसमे उन्होंने अपने बारे में बताया है की संत रामपाल जी महाराज के शरण में आने के बाद उन्हें क्या – क्या लाभ मिला है उन्होंने ने इसमें अपने इंटरव्यू में बताया है की उनके ऊपर…

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मुर्दा बच्चा पल में हुआ जीवित (Murda Bachha Pal me hua jivit) Real Incidence

Murda Bachha Pal me hua jivit

बच्चे को संत रामपाल जी महाराज का अमृत जल और प्रसाद खिलाया उसके बाद 30 मिनट के बाद बच्चे के शरीर में हल चल होना शुरू हो गया और वह बच्चा 30 मिनट के बाद बैठ गया जीवित हो गया (Murda Bachha Pal me hua jivit) और हमे प्रमाण मिला…

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काल ब्रह्म के अवतारों की जानकारी।

काल ब्रह्म के अवतारों की जानकारी।

गीता अध्याय 4 का श्लोक 7 यदा, यदा, हि, धर्मस्य, ग्लानिः, भवति, भारत, अभ्युत्थानम्, अधर्मस्य, तदा, आत्मानम्, सजामि, अहम्।।7।। अनुवाद: (भारत) हे भारत! (यदा,यदा) जब-जब (धर्मस्य) धर्म की (ग्लानिः) हानि और (अधर्मस्य) अधर्म की (अभ्युत्थानम्) वृद्धि (भवति) होती है (तदा) तब-तब (हि) ही (अहम्) मैं (आत्मानम्) अपना अंश अवतार (सजामि) रचता हूँ अर्थात् उत्पन्न करता हूँ। (7) जैसे श्रीमद्भगवत् गीता अध्याय 4 श्लोक 7 में गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि जब-जब धर्म में…

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परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् सत्यपुरूष के अवतारों की जानकारी।

परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् सत्यपुरूष के अवतारों की जानकारी !

परम अक्षर ब्रह्म स्वयं पृथ्वी पर प्रकट होता है। वह सशरीर आता है। सशरीर लौट जाता है:- यह लीला वह परमेश्वर दो प्रकार से करता है। i. प्रत्येक युग में परम अक्षर ब्रह्म शिशु रूप में किसी सरोवर में कमल के फूल पर वन में प्रकट होता है। वहां से निःसन्तान दम्पति उसे…

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कबीर साहेब प्रकट दिवस 2024

कबीर साहेब प्रकट दिवस 2024

कबीर साहेब प्रकट दिवस 2024:- कबीर परमेश्वर चारों युगों में इस पृथ्वी पर सशरीर प्रकट होते हैं। अपनी जानकारी आप ही देते हैं। परमात्मा सतयुग में ‘‘सत्य सुकृत’’ नाम से, त्रेता में ‘‘मुनिन्द्र’’ नाम से तथा द्वापर में ‘‘करुणामय’’ नाम से तथा कलयुग में‘‘कबीर’’ नाम से प्रकट होते हैं। ‘‘कबीर…

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श्री नानक देव जी के गुरु जी कौन थे?

श्री नानक देव जी के गुरु जी कौन थे?

श्री नानक देव जी के गुरु जी कौन थे?:- इस विषय पर अभी तक भ्रान्तियाँ थी। सिख समाज का मानना है कि श्री नानक देव जी का कोई गुरु नहीं था। सिख समाज का यह भी मानना है कि भाई बाले ने जो कुछ भी जन्म साखी बाबा नानक की…

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भक्ति करना क्यों अनिवार्य है?

भक्ति करना क्यों अनिवार्य है?

भक्ति करना क्यों अनिवार्य है?:- सभी संतो-महात्माओं ने भक्ति को बहुत हीं ज्यादा महत्त्व दिया है लेकिन लोग भक्ति के जगह पैसे को ज्यादा महत्त्व देते हैं जिसका एक समय के बाद कोई उपयोग नहीं रह जाता है। भक्ति हम क्यों करें? इस सवाल का जबाब इस पोस्ट में दिया गया…

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