मुर्दा बच्चा पल में हुआ जीवित (Murda Bachha Pal me hua jivit) Real Incidence

बच्चे को संत रामपाल जी महाराज का अमृत जल और प्रसाद खिलाया उसके बाद 30 मिनट के बाद बच्चे के शरीर में हल चल होना शुरू हो गया और वह बच्चा 30 मिनट के बाद बैठ गया जीवित हो गया (Murda Bachha Pal me hua jivit) और हमे प्रमाण मिला और मन में भी मतलब दृढ़ हुआ हमारा विश्वास की आप पूर्ण परमात्मा हो जो मुर्दे तक को जीवित कर देते हो आज तो आपने हमारी आंखो के सामने घटना घटी है

नमस्कार सर क्या नाम है जी?

मेरा नाम दीपक साहू है कहा से है जी आप जी में छत्तीसगड के राजीन पोछी जिले से हूं

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा कब ली?

मैं संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा 19 जून 2017 में लिए हूं

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने से पहले आप किसकी साधना करती थी? 

जी हां में संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने से पहले हमारे हिंदू धर्म में जितने भी देवी देवता है तेतीस। करोड़ इन सबको भी पूजती थी क्योंकि हमारे मम्मी पापा पेरेंट्स इनकी सबसे पहले से ही पूजा करते थे क्युकी हमे भी शिखाये थे की हमे इन्ही की भक्ति करनी है एक तरफ हमलोग दामाखेड़ा पंथ है हमारे छत्तीसगढ़ में प्रकाश मुनी नाम से कबीर पंथी संत है उनसे भी हमारी फैमली पहले से दीक्षित थी दादा परदादा और पापा जी लोग तो उनकी भी भक्ति करते थे

जैसे की आपने बताया कि आप दामाखेड़ा पंथ से बचपन से ही जुड़ी हुई थी तो आप संत रामपाल जी महाराज के शरण में छत्तीसगढ क्या जरूरत पड़ी जी?

संत रामपाल जी महाराज के शरण में वैसे तो पापा जी 2014 से ही जुड़े हुए थे लेकिन हम लोग संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान नही समझे थे इस कारण से हम लोग दीक्षित नही हुए थे फिर अचानक 2017 में मेरे अंदर प्रेरणा जगी की में संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनू उसके बाद में में संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनने लगी और उनके लिखित अनमोल पुस्तक है जिसका नाम है ज्ञान गंगा उसको में पड़ने लगी उसके बाद में मुझे संत रामपाल जी महाराज का सत्य ज्ञान हुआ उसके बाद में जो भी भक्ति साधना पहले में कर रही थी उसको त्याग दी और संत रामपाल जी महाराज से पापा को बोली की पापा मुझे भी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा दिलवा दो उसके बाद में 2017 में संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली

Murda Bachha Pal me hua jivit: संत रामपाल जी महाराज से जो भी श्रद्धालू नाम लेते है उनको सभी को लाभ मिलते है क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ?

जी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद हमे और हमारी फैमली को बहुत लाभ हुए उनमें से में कुछ लाभ आप से शेयर करना चाहती हू उनमें से पहला लाभ मेरे खुद का है मुझे जब में 9th क्लास में थी तो 9th से लेकर 12th तक मुझे आंखो में से आंसू निकालना और सिर दर्द करना ये बहुत बड़ी प्रोब्लम मुझे रही में चार साल तक इस प्रोब्लम से जूझती रही में पापा को बताई जैसे मतलब अपनी दवाई चल रही थी फिर भी में रिकवर नही हो पा रही थी उसके बाद पापा मुझे डॉक्टर के पास लेकर गए मेरे आंखो का चैकप हुआ फिर डॉक्टर्स बोले की आपको ग्लोकोमा है और आपको दवाई लेती रहनी है और पूरी लाइफ टाइम चश्मा लगाना पड़ेगा की अपना यही फाइनल सुना दिया उसके बाद हम लोग घर आ गए हम लोग बहुत चिंतित हो गए थे की पूरी जिंदगी ऐसे नही चल सकता उसके बाद फिर में 2017 में संत रामपाल जी महाराज से जुड़ी फिर में उनके बताए गए सत मंत्रो का जाप रोज करती रही फिर में धीरे ,धीरे रिकवर होने लगी आज में पूरी तरह से स्वस्थ हू मुझे आंखो मे किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या नही है और सिर का दर्द भी पूरी तरह से समाप्त हो चुका है

संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने के बाद और उनके द्वारा दिए गए मार्ग और सत मंत्रो का जाप जैशे में रोज करती रही उसके बाद में धीरे धीरे मेरे आंखो से आंसू निकालना और जो सिर का दर्द था पूरी तरह से समाप्त हो चुका है मेरी मम्मी को लगभग दो से तीन साल तक बाबासीर की बीमारी से जूझ रही थी मम्मी लोक लाज में संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा नही लिए थी फिर में मम्मी को बोली की आप भी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेलो फिर मम्मी परमात्मा की दया से उन्होंने भी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेली फिर वो भी संत रामपाल जी महाराज के द्वारा बताए गए सत मंत्रो का जाप करने लगी फिर वो भी मम्मी की वो जो बबासीर की बीमारी इतने दिनो तक ठीक नही हुई इतने डॉक्टर को दिखाएं फिर भी ठीक नही हो रही थी वो जो संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद पूरी तरह से आज समाप्त हो चुकी है तीसरा लाभ ये है की सर की मेरे भइया को नसे की बहुत ज्यादा लत थी आज संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद मेरे भईया की भी नसे की लत पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है और चौथा लाभ और सबसे बड़ा लाभ ये है की मेरे भइया का जो छोटा बेबी है वो भी 5साल का है जब वो 3 साल का था तब वो उसको तीन दिन तक फीवर रहा था फिर तीसरे दिन उसको दोपहर के समय था वो आया की दादी मुझे पानी पीना है उसके बाद मम्मी उसको पानी लेकर आई फिर पानी पिलाई उसके बाद अचानक उसके बाद उसको झटका सा लगा और बेहोश हो गया उसके बाद भईया उसको गोद में लिए और ढेखे तो वो जीवित नही था मर चुका था उसके बाद हम लोग रोने लग गए उसके बाद जो संत रामपाल जी महाराज का दंडवत स्थल हमारे घर पर बनाएं हुए है वहा लेजाकर उस बच्चे को लिटा दिया उसके बाद हमारे भईया और हम पापा मम्मी तीन लोग ही नाम दीक्षा लिए थे उसके बाद संत रामपाल जी महाराज से हम लोग अर्ज करने लगे की हे परमात्मा आप तो मुर्दे तक को जीवित कर देते हो हम लोग आपकी सरण में है आज आप इस बच्चे को बचा लीजिए अगर आप सच में सच्चे परमात्मा हो तो इस बच्चे को जीवित करके दिखाओ क्युकी भईया नाम दीक्षा न लेते तो सबसे ज्यादा वही बोले की आप सच में पूर्ण परमात्मा हो अगर मुर्दे तक को जीवित करने की शक्ति रखते हो तो आज इस बच्चे को जीवित करके दिखा दो उसके बाद संत रामपाल जी महाराज के आश्रम से अमृत जल और प्रसाद मिलता है हम उस बच्चे को पिलाए और उस बच्चे को दंडवत करवाया और उस बच्चे को संत रामपाल जी महाराज का अमृत जल और प्रसाद खिलाया उसके बाद 30 मिनट के बाद बच्चे के शरीर में हल चल होना शुरू हो गया और वह बच्चा 30 मिनट के बाद बैठ गया जीवित हो गया (Murda Bachha Pal me hua jivit) और हमे प्रमाण मिला और मन में भी मतलब दृढ़ हुआ हमारा विश्वास की आप पूर्ण परमात्मा हो जो मुर्दे तक को जीवित कर देते हो आज तो आपने हमारी आंखो के सामने घटना घटी है फिर उसके बाद मेरे भईया को भी दृढ़ ‌विश्वास हुआ फिर उन्होंने भी दो घंटे बाद जाकर संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेली

पहले मेरे भाई संत रामपाल जी महाराज से नही जुड़े थे तो हमारी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब रहती थी और अभी का समय भी पहले मेरे पापा और मेरे भईया दूसरे के शॉप में जाकर काम करते थे अब का समय है परमात्मा की दया से बहुत अच्छी और हमारी खुद के दो शॉप है परमात्मा की दया से दीपक जी जैशे की दामाखेड़ा पंथ वाले कबीर साहेब जी को मानते है और संत रामपाल जी महाराज जी भी कबीर साहेब को मानते है तो आप इतना पुराना दामाखेड़ा पंथ को छोड़ कर संत रामपाल जी महाराज की सरण में क्यों आई जी पहले तो वहा जुड़े थे लेकिन वो लोग कबीर साहेब कबीर पंथी उसे कहते है को कबीर साहेब के बताए हुए मार्गो पर चले लेकिन वो लोग बिल्कुल भी आज के जो अपने आप को कबीर पंथी बोलते है हम भी पहले बोलते थे लेकिन हम लोग चलते बिल्कुल भी नही थे कबीर साहेब जी ने मूर्ति पूजा भी खंडन किए थे लेकिन आज के जो कबीर पंथी और एक तरफ मूर्ति पूजा भी करते है और एक तरफ अपने आप को कबीर पंथी भी बताते है तो वो हमे ये सब हमे नही जची और जब हम संत रामपाल जी महाराज का जब हम सत्संग सुनी और उनकी पुस्तक पड़ी सारे प्रमाण देखे की आज तक हम जितने भी देवी देवताओं की भक्ति करते आ रहे थे और वो लोग अविनाशी नही है और उनका भी तो नाश होता है तो हम उनकी भक्ति करे तो हमारा मोक्ष कैसे हो सकता है फिर संत रामपाल जी महाराज के सत्संग और हमे प्रमाण के साथ ये बात जानने को मिली की सर्व श्रष्टि रचन हार तो कबीर साहेब जी है और आज तक जितने भी हम भक्ति किए वो आज तक व्यर्थ चली गई उसके बाद हम उस पंथ को छोड़ कर में और मेरी पूरी फैमली संत रामपाल जी महाराज के सच्चे ज्ञान को समझ कर उनके सरण में आ गए कबीर साहेब जी को आप क्या मानती है संत मानती है या भगवान मानती है जी पहले तो में study करती थी तो में कबीर जी के दोहे पड़ती थी तो कबीर जी को कबीर मानते थे जब हम लोग दामाखेड़ा पंथ से जुड़े थे तो हम लोग सतगुरु रूप में ही मानते थे क्युकी हमे वही बताया जाता था की कबीर साहेब जी ही सतगुरु है ऐसा नही बोलते थे की कबीर साहेब परमात्मा है सतगुरु के रूप में ही बताते थे और वही मानसिकता हमारी बन गई थी की वही सतगुरु है सतगुरु रूप में ही मानती थी और बाकी तेतीस करोड़ देवी देवताओं को फिर में संत रामपाल जी महाराज के सत्संगो में देखी और उनकी पुस्तक में देखी और फिर मानी की कबीर साहेब जी भगवान है तबसे हमारी पूरी फैमली उस पंथ को त्याग कर संत रामपाल जी महाराज के सच्चे पंथ में लगे हुए है

बहन जी जो दामाखेड़ा पंथ वाले देख रहे है आप उनको क्या संदेश देना चाहेगी?

जी में उनसे संदेश तो हमारे सतगुरु रामपाल जी महाराज दे रहे है में हाथ जोड़ कर उनसे निवेदन करना चाहती हू की आप जो भक्ति मार्ग में लगे हुए है दामाखेड़ा पंथ पूरे काल के चलाए हुए पंथ है उस पंथ में जाकर भक्ति करने से हमारा पूर्ण मोक्ष कभी भी नहीं होने वाला है में आप लोगो से हाथ जोड़ कर निवेदन करना चाहती हू की वर्तमान समय में पूर्ण परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी धरती पे आए हुए है जो भक्त समाज को अकॉर्डिंग पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की भक्ति बता रहे है जिससे हमारा पूर्ण मोक्ष होना संभव है की में हाथ जोड़ कर निवेदन करना चाहती हू उन नकली पंथों को त्याग कर संत रामपाल जी महाराज के सच्चे पंथ में आकर और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर आकर सत मंत्रो का जाप करके अपने जन्म मरण के दीर्घ मरण से मुक्ति पाओ संत रामपाल जी महाराज से कैसे जुड़ सकते है जी संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने के लिए उनके अनेकों tv चैनलो पर संत रामपाल जी महाराज का सत्संग का आता है।

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