काल ब्रह्म के अवतारों की जानकारी।

काल ब्रह्म के अवतारों की जानकारी।

गीता अध्याय 4 का श्लोक 7 यदा, यदा, हि, धर्मस्य, ग्लानिः, भवति, भारत, अभ्युत्थानम्, अधर्मस्य, तदा, आत्मानम्, सजामि, अहम्।।7।। अनुवाद: (भारत) हे भारत! (यदा,यदा) जब-जब (धर्मस्य) धर्म की (ग्लानिः) हानि और (अधर्मस्य) अधर्म की (अभ्युत्थानम्) वृद्धि (भवति) होती…

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परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् सत्यपुरूष के अवतारों की जानकारी।

परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् सत्यपुरूष के अवतारों की जानकारी !

परम अक्षर ब्रह्म स्वयं पृथ्वी पर प्रकट होता है। वह सशरीर आता है। सशरीर लौट जाता है:- यह लीला वह परमेश्वर दो प्रकार से करता है।…

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