इस ब्लॉग पोस्ट में संत रामपाल जी के शिष्य रिषीपाल जी की आत्मकथा है जिसमे उन्होंने अपने बारे में बताया है की संत रामपाल जी महाराज के शरण में आने के बाद उन्हें क्या – क्या लाभ मिला है उन्होंने ने इसमें अपने इंटरव्यू में बताया है की उनके ऊपर से गाड़ी गुजर गई (maut ko ldata sant ji ne) और उन्हें संत रामपाल के आशीर्वाद से कुछ नहीं हुआ।
नमस्कार सर
नमस्कार सर,
सर क्या नाम है आपका ?
सर रिषि पाल,
रिषीपाल जी आप कहा से है ?
में हरियाणा कुरुक्षेत्र का रहने वाला हु और अभी फिलहाल डेट में सुंदरगढ़ डिस्टिक उड़ीसा स्टेट में अपना बिजनेस कर रहा हु।
सर संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा आपने कब ली ?
सर 10 मई 2020
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने से पहले आप क्या भक्ति साधनाएं करते थे ?
सर में जहा भी रोड में जाते निकलते जहा भी मेरे को में वही मंथा झुका के चलता था की कहा है मालिक में मालिक के ऊपर विश्वास करता था मंदिरों में गुरुद्वारा मस्जिद सब जगह गया में जिसको भी पूछता था ईसामसी से पूछा वो बोले की सबका मालिक एक है तो वो कोन। है बोला की वो कोई अन्य है में बोला आपके ईशु नही है बोला नही है तो में बोला ठीक है जी वहा से भी राम राम किया और चल देता था में हर जगह घूमता था में मेरे को मालिक की तलाश थी उसी के ऊपर सिर्फ मेरा विश्वास था बाकि और कुछ भी नही था की भाई मालिक है तो मेरे को परेशानियां ऐसे ही चलती रही में बड़ा काटो पे चलता गया पर मेने कभी परवाह नही की किसी चीज की विश्वास के ऊपर मुझे इस प्रकार का सत्य पता चला था की इस पृथ्वी पर सत है तो में उस विश्वास में चलता रहा चलता रहा मतलब में इतना एक दिन तो ऐसा आ गया मेरे लिए की भाई आज तो न अब में मरने की कंडिक्सन पे चला गया में रोड में निकला की भाई अब मर जाऊंगा क्युकी मेरी पत्नी ने मेरा साथ नही दिया।
न मेरी माता ने मेरा साथ दिया पत्नी को बोला की देखो मेरी कमर में ये हाल है तो में खाना नही खा पाता हूं और एक में बैचलर उसमे रहता हु रूम में फैमली वाले रूम में रहूंगा तो मेरे को लैट्रिन बाथरूम नजदीक में मिलेगा तो में हो भी सकता हु और में बैचलर रूम में रहता तो जंगल में जाता था तीन तीन बजे में क्या करता था की पत्थर उठाता था फिर चारो तरफ फेंकता था की कोई जानवर न हो फिर में बड़ी मुश्किल में रो पीटकर बैठ बैठ के आता था तो एक दिन बहुत ज्यादा तकलीफ हो गई की में बर्दास्त नही करपाया की मालिक नही अब कुछ नही रह पाया चलो चलता हु अब आप रोड में निकला खड़ा हुआ की जैशे कोई गाड़ी आयेगी तो में आगे कूदना ही कूदना है एक दम से मुझे अचानक लगा की अरे तू तो बोलता था सत देखना है मुझे तो सत कहा देखा तो सर में वहीं से वापस हो गया और रोते रोते रूम में जाके सो गया तो ऐसे ही चलती रही मेरी कहानी चलती रही चलती रही तो फिर मेरे को मेरी बहन है
उन्होंने संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लिए हुई थी तो मेरे को उन्होंने बोला की भाई एक बार आप संत रामपाल जी महाराज का एक बार सत्संग सुन लो तो आपको को लगेगा तो आप बता देना किसी चीज का विश्वास तो करते नही है क्युकी मेरी सासू मां मेरे को रामरहीम वहा लेकर गई वो बोली थी की में तो जब सुकना की थी सादी जैशे करुगी तो में आपको गुरु जी से दीक्षा दिलाउगी तो में उस टाइम तक क्या गुरु होता है या गुरु के बिना मुक्ति नही है अभी सीखने को मिल रहा है मुझे पहले इस चीज का कोई ज्ञान नहीं था जैशे मेरी सासू मां बोली में बोला जैसी उनकी श्रद्धा है उसने सुकना किया है चलता हु तो हम वहा गए धनधन सतगुरु के आश्रम में रामरहिम के वहा उसमे क्युकी मुझे विश्वास ही नहीं उसकी बातो मे जो सुना रहा था वो तो खुद पब्लिक को बोलता है भाई ऐसे इंसान होना चाहिए ऐसा चलना चाहिए बाकी तो जो परमात्मा का ज्ञान है वो तो उसमे मिला ही नहीं था मुझे जो में चाहता था जिसकी मुझे खोज थी
maut ko ldata sant ji ne: सबका मालिक एक बता रहे है वह सब का मालिक है वो कोन है सिर फिर आप संत रामपाल जी महाराज के सरण में कैसे आए ?
सर में फिर संत रामपाल जी महाराज के सरण में मेरी बहन बड़ी है सुधेष देवी उन्होंने मेरे को बोला की भाई एक बार ज्ञान सुनो फिर उसके बाद आगे की मेरे को बताना कैसा लगा क्या लगा तो फिर जब मेरी बहन ने बताया फिर में संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग देखने लगा पहले दिन ही में पूरे सत्संग में मेरे दिमाग में इतनी फीड हो गई रील की आज तक में मेट्रिक क्लास में भी दाने देके देने वाला इंसान हु जैशे मेने सत्संग सुना सत्संग सुनने के बाद में अपनी बहन को बोला की बहन मुझे नाम दीक्षा लेनी है तो नाम दीक्षा मेरी बहन बोली भईया आजकल ऑनलाइन मिल रहा है
मेने संत रामपाल जी महाराज से ऑनलाइन नाम दीक्षा ली है सर संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद क्या लाभ भी मिले सर लाभ अगर में बोलुगा तो सायद कोई विश्वास नही करेगा मेरे लाभों पे सबसे पहला लाभ , तो ये मेरी कमर का है जो में आज बिल्कुल सीधा खड़ा हु कैसे मेरे को झुका हुआ कुछ भी करो अब मुझे कुछ भी फर्क पड़ने वाला नही है में पहले बहुत पीड़ित था जो ये मेरी कमर का दर्द था बहुत पुराना दर्द था मेट्रिक क्लास से मान के चलो की में डॉक्टरों को ढिखाया हु कोई आराम नही था कही से भी नही मिला में इतना बैंड हो जाता था जैशे ये बिल्कुल शरीर है ये ऐसा हो जायेगा इतना ऊपर से ऐसे और मेरा गर्दन हो जाता में बहुत दुखी रहता था बहुत परेशानी में रहता था और में जब ये में जिसके भी रूम में रहता हु खुद उनको भी यही बीमारी थी उनको में अपने दर्द में भुवनेश्वर लेकर गया उनको अपोलो हॉस्पिटल में 5लाख रुपए का खर्चा आया तो में मालिक को याद किया की मालिक मेरे को भी यही दर्द है में कहा से ,5लाख रुपए लगाऊंगा नही लगा सकता मालिक मेरे को वो लकी भाई ने बोला की ऋषि भाई तू भी करवा ले थोड़ा बहुत इलाज आया है जब तू भुवनेश्वर में मेरे साथ में बोला नही भाई तूही इलाज करवा मेरे वश की बात नही है में इलाज नही करवा पाऊंगा तो में बहा से ऐसे ही आ गया ये इस दर्द का कोई भी इलाज नही था में बिल्कुल क्लियर पता है क्युकी ये जो पैन क्लियर है में खुद अपनी आंखो से देखा है पहले तो वो साइन करवाते है की सक्सेस तो ठीक नही सक्सेस तो ठीक तो पैसा भी गया और सक्सेस भी नही गया तो मालिक के ऊपर छोड़ देता था मालिक न मेरे पास इतनी पूजी भी नही है न ही ये इलाज करवा सकता हु और आप ही है जो करेगे ठीक करेगे नही है तो आपको इच्छा है उस टाइम तक में मालिक को ऐसे ही याद करता रहता था
संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेने से 2महीने के अंदर मुझे ऑटोमेटिक फील होने लगा की जो तेरी कमर में दर्द था वो कहा गया फिर में अपने आप को तोड़ना मोड़ना सुरु किया की कही न कही तो फसा हुआ मिलेगा तो में पूरे शरीर को तोड़ फोड़ लिया पर मुझे आज तक कोई दर्द नही हुआ ये उसके बाद जो मेरे को पंडित ने बताया था की तेरी 40साल में मौत है सर में काल ने मेरे को दो दो झटके दिए है मौत के स्कार्पियो में तो में बाइक से गिरा बाइक से गिरा तो सामने से गाड़ी आ रही थी तो में गिर गया ये अभी भी मेरे हाथो मे निसान है अभी भी मेरे पास फोटो भी रखी। है मोबाइल में वो दिखा सकता हु में की में कैसे पड़ा वहा पे तो उस टाइम तो में गाड़ी वाले को बोल दिया की तू जा मेरे जो आगे थी वो पीछे चली गई गाड़ी जो गाड़ी मेरे आगे थी वो पीछे चली गई तो में उस टाइम कुछ फील नही किया चलो छोटा मोटा चोट आया है चलो ठीक है तो वो जिंदल वाला गाड़ी है तो में उसको जाकर पूछने लगा कल जब में गिर गया था रोड पर तो तूने क्या देखा
बोला भाई मेने देखा तेरे ऊपर से मेरा गाड़ी निकल चुका है में अपने आपको कुछ नही बोल पाया में वही सुन्न हो गया क्योंकि में सीन पहले ही देख के आया हूं बाइक गिरा के उसी स्टैंड को अपने बनाके पर जब उसके मुंह से सुना तो वही सुन्न पड़ गया की नही संत रामपाल जी महाराज समर्थ है उन्होंने ही मुझे जीवन दिया है बिल्कुल में इतना किलियर बोल दूंगा कि भाई आज मेरे साथ जाकर देख सकते है पूछ सकते है दूसरा चांस फिर घटना हुई मेरे साथ उसी 10 दिन के बीच में टिंकू घाटी में मेरा 50 की स्पीड में घाटी में पूरा मेरा स्कार्पियो उतर रहा है तो मेरा स्कार्पियो के ब्रेक बिल्कुल फेल कोई पैडल काम नही कर रहा है ऐसे बिल्कुल भी नही तो मेरा एकदम से झटका गया मेरे को मालिक संत रामपाल जी महाराज याद आए हे मालिक में क्या करू भाई तो पलटना है कोई बचने का चांस नहीं था हमारा तो ऐसी जाप करते करते सामने मेरेको एक पेड़ दिखा मेरे दिमाग में आया तू गाड़ी को साइड से इस पेड़ में ठोक दे ताकि कम से कम गाड़ी गाड़ी टूटेगी आदमी तो सेफ रहेंगे तो जैसे ही मैने उस पेड़ की तरफ ठोकने के लिए रोड से उतारने लगा तो साइड में लक्की बोला अरे क्या कर रहा है क्या, कर रहा है उसकी तरफ मेरा कोई ध्यान नही गया
मेरा दिमाग में सिर्फ मालिक आप ही है जो कुछ कर सकते में कुछ नही कर सकता में पेड़ में जैसे ठोकने लगा तो 2 अंगुल का फैसला मेरा और पेड़ में और मेरी स्कार्पियो में ठौर ऐसे जाम हो गई जैसे सस्टेचू बन जाता है जैसे ही में गाड़ी को एकदम से बंद किया बेक गैर में गाड़ी को खड़ा किया और अपने मालिक संत रामपाल जी महाराज को याद करके बैठे बैठे 2 मिनट तक नाम जपा और उसके बाद में नीचे उतरा स्कार्पियो को आप किसी को पूछ सकते है अगर स्कैपियो का अगर एक बार तेल लीक हो गया तो उसके चारो चक्कों में से एक चक्का भी काम नही करेगा वो कैसे रुका वो मुझे ही पता है
उसे संत रामपाल जी महाराज ने ही रोका है इतना मुझे किलियर कठ है मुझे इस बात को और मेरी दुकान जो अभी में किया था धन के मामले में आज मेरे चारो तरफ धन भरा पड़ा है मेरी दुकान में राशन और पहले मेरी दुकान कुछ भी नही थी, काम भी वही वही मेंटनेस अभी भी दिख रही है मेरे को और फायदा कहा से दिख रहा है ये मेरे को पता नही चल रहा है आज मेरे को इतना फायदा दिख रहा है कि 1 साल 2 महीना मेरे को दीक्षा लिए हुआ है तो 1 साल 2 महीना में आप आज आप जाकर मेरा कारोबार जाकर देख सकते हो कि देखने वाले भी ये नही मान सकते में खुद वहा पड़ोस में बोलता हूं कि भाई में सबसे छोटा आदमी हूं गरीब आदमी हूं आज मेरे पड़ोसी भी बोलते है नही तू झूठ बोलता है तेरे पास तो बहुत कुछ है।
सर संत रामपाल जी महाराज से नाम लेने के बाद आपको बहुत सारे लाभ प्राप्त हुए तो संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा कैसे ली जा सकती है ?
सर संत रामपाल जी महाराज का बहुत सारे चैनलों में सत्संग आ रहा है उनके नीचे पीली पट्टी चलती है उसमे नंबर लिखा गया मोबाइल नंबर उस नंबर पर आप संपर्क कर सकते है नाम दान सेंटर जो आपका नजदीकी होगा वो आपको डिटेल दी जाएगी कि भईया आपके पास का नामदान सेंटर वहा है आप वहा जाइए वहा से ज्ञान प्राप्त करें संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लीजिए
धन्यवाद सर।
जी धन्यवाद !